Urdu Shayari Mohabbat
Bepanah Mohabbat Shayari
आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है
जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी
आपको मैंने निगाहों में बसा रखा है
आईना छोड़िए, आईने में क्या रखा है
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
मैं तुझे भूल के ज़िंदा रहूं ख़ुदा न करे
देर तक निहारना हैं आज चांद को….
काबिल कोई बहाना तो चाहिए रात गुजर जाने का !!
छुपे छुपे से रहते हैं,सरेआम नहीं हुआ करते,
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,उनके नाम नहीं हुआ करते.
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में
जब से हुआ है, कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता
औकात से ज्यादा मोहब्बत कर ली,
इसलिए बर्दाश्त से ज्यादा दर्द मिला
तेरे जिक्र बिना कैसे जिन्दगी की कहानी लिखूँ..
तुझे इश्क लिखूँ वफा लिखूँ या फिर अपनी जिन्दगानी लिखूँ
मेरी मोहब्बत की सच्चाई को तो देख !
अब मैं तेरे नाम वालो से भी मोहब्बत से पेश आता हूं !!
जुदा तो एक दिन साँसे भी हो जाती है
और तुझे सिर्फ अपनी मोहब्बत से शिकवा है